सुरेश प्रसाद आजाद
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कई वर्ष पूर्व हजारीबाग से दूर केसुरा गांव में लक्ष्मी पूजा की दूसरी रात में पंडाल के एक मंच पर मनोरंजन कार्यक्रम समाप्त होने पर आयोजकों द्वारा हमें सम्मानित कियाबजा रहा था। उस मंच पर ही पहली बार श्री प्रदीप प्रसाद से भेंट हुई थी आयोजकों ने हमलोगों का एक दूसरे से परिचय कराया था। अभिवादन के बाद उन्होंने कहा था, आपका(RSS) आशीर्वाद चाहिए! हममें, मै था,दुबे जी, सूर्यनाथ जी और योगेन्द्र जी थे। मै उनकी पीठ स्पर्श करते हुए कहा , विजय होंगे ! और, हमारा ( RSS का) आशीर्वाद भी होगा। एक आज का दिन है पुष्प गुच्छ दिया तो झुक कर उन्होंने पांव छू लिए !
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