प्रस्तुती – सुरेश प्रसाद आजाद

आज मैं एक ऐसी समस्या के बारे में चर्चा कर रहा हूं जिससे शायद हर वर्ग के लोग पीड़ित हैं l जब बच्चे विवाह योग्य हो जाते हैं तब हर माता-पिता उनके विवाह के बारे में सोचने लग जाते हैं l उस समय सबसे बड़ी समस्या योग्य वर-वधू को खोजने में आती हैl
पहले के ज़माने में लड़कियां ज्यादा से ज्यादा दसवीं, ग्यारहवीं तक पढ़ती थी तब अधिकतर लड़के ज्यादा से ज्यादा स्नातक करते और काम में लग जाते और इनका विवाह हो जाता बिल्कुल समय पर।तब लोग अपने परिचित और पुरोहितों के बताए रिश्ते सहर्ष स्वीकार कर लेते थे।लेकिन आज समय बदल गया है।हमारे समाज के लड़के एवं लकड़ियां उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपने शहर से बाहर जा रहे हैं l कोई इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा है, कोई डॉक्टर, वकील, सीए या कोई एमबीए की पढाईl
पढाई पूरी करने के बाद पहले अपना केरियर बनाते हैं lतब बारी आती है बच्चों की शिक्षा के अनुरूप वर-वधू के ढूढ़ने की l अब चूंकि पुरानी व्यवस्थाएं बदल चुकी हैं,लोगो के सोचने का ढंग भी बदल चुका है तो रिश्ते तलाशने के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध वेबसाइटों को खंगाला जाता है और अंततःबाध्य हो कर हमें दूर के रिश्ते ढूढ़ने पड़ते हैं l अनजान लोगों से रिश्ते बनाने में कई बार धोखाधड़ी भी हो जाती है।
इससे बचने के लिए बेहतर तो यही है कि सबसे पहले हम अपने बच्चों के रिश्ते अपने आसपास में ही ढूंढे जिससे वर-वधू दोनों तरफ के परिजनों को एक दूसरे को समझने एवं जांच पड़ताल करने में आसानी होगी पर ध्यान रहे कि वर-वधू के परिवार का स्टैटस उनके धन से नहीं बल्कि बच्चों की काबलियत एवं उनके संस्कार को देख कर करें अन्यथा आगे जाकर पछताना पड़ सकता है l ऐसे मामले भी देखने एवं सुनने में आते हैं कि पिता शराब का सेवन करता है और उसका बेटा सुपारी तक नहीं खाताl ऐसी परिस्थिति में आप क्या निर्णय लेंगे? जरा ठंडे दिमाग से विचार करें।
भाग्य से वर-वधू संस्कारित मिल गए तो समझो जीवन की सबसे बड़ी लॉटरी लग गई। अपने आसपास के जाने पहचाने सभ्य सुसंस्कारित परिवार से संबंध जोड़ने के सबसे पहले प्रयास करने चाहिए। यदि यह संभव न हो तो फिर परिचय सम्मेलन के माध्यम से रिश्ते ढूंढने चाहिए।

आज के समय में “विवाह योग्य युवक – युवतियों का परिचय सम्मेलन” करना अति आवश्यक हो गया हैl
परिचय सम्मेलन में वर एवं वधू दोनों पक्ष को अपने अनुकूल जोड़ी का चयन करने में सुविधा होती है साथ ही समय भी बचता है। अतः इस तरह के आयोजनों में विवाह योग्य बच्चों के माता-पिता / अभिभावकों को बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। अक्सर विवाह योग्य युवक-युवतियों के परिचय सम्मेलन में विवाह योग्य युवकों की तुलना में युवतियों की उपस्थित कम होती है जो कि समाज के हित में नहीं हैl
इस विषय में अब सभी को जागरूक होना होगा।अब समय बदल गया है अतः समय के साथ तालमेल बैठा कर चलने की आवश्यकता हैl वधू पक्ष को भी निस्संकोच हो कर इस तरह के आयोजन में उपस्थित हो कर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान देना चाहिए।उल्लेखनीय है कि मारवाड़ी सम्मेलन कर्नाटका ( बैंगलोर शाखा) एवं मारवाड़ी युवा मंच बैंगलोर शाखा) के संयुक्त तत्वावधान में 30 जून 2024 को गोडवाड़ भवन, लालबाग रोड, बैंगलोर में विवाह परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया हैl इस सम्मेलन में ब्राह्मण, अग्रवाल, माहेश्वरी एवं जैन समाज के विवाह योग्य युवक एवं युवतियां भाग ले सकती हैंl विस्तृत जानकारी के लिए अरुण खेमका (9019936107 )एवं पंकज जालान( 9448237198)से सम्पर्क किया जा सकता है।(विभूति फीचर्स)
