गिरगिट की तरह रंग बदलना है तो कोई सीखें इस वे मौसम वारिश से सीखें‌। 

 नवादा, 18 अप्रैल 2025 । 

आए दिन वे मौसम बारिश ने किसानों का कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ा‌। एक तरफ जहां किसानों को लग रहा था कि फरवरी एवं मार्च माह‌‌ बारिश नहीं हुई है तो गेहूं की फसल अच्छी होगी‌ परन्तु 21 मार्च को वे मौसम तेज हवाओं के साथ वारिश शुरू हो गई जो तीन दिनों तक बूंदाबांदी होती रही। जिससे किसानों द्वारा लगाए गए मुख्य रूप से  गेहूं तथा दलहन एवं तेलहन  भी प्रभावित हुए । यह केवल इस वर्ष ही नहीं बल्कि पिछले 5 वर्षों का रिकॉर्ड रहा है जिससे आंधी पानी ने पेड़ पौधों को ही  नहीं बल्कि  फसलों के साथ-साथ जान माल का भी काफी नुकसान हुआ । इस वर्ष अप्रैल में ही 10,11 एवं 14 अप्रैल को 40 एम एम एवं जिले के किसी  हिस्से में कोलावृष्टि से गेहूं के साथ-साथ सब्जी खीरा, क्कड़ी, कदुआ आदि   नुकसान पहुंचा है। साथ ही साथ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति भी बाधित हुई है। ऐसा देखा जा रहा है कि एक सप्ताह से मौसम उतार चढ़ाव जारी है। इस बार मौसम बारिश में सबसे अधिक बारिश वारसलीगंज में 50 एम एम,काशी चौक‌ 40 एम एम गोविंदपुर 39 एम एम एवं सबसे कम बारिश कौआकोल 12 एम एम रिकॉर्ड किया गया है। 

    बताया जा रहा है कि इस सप्ताह से जिले का तापमान 35 डिग्री से नीचे रहा है इसी तरह 5 सालों में जिलों का क्लाइमेट का चेंज होना जैसा असर दिख रहा है 2019 में जहां अप्रैल माह का औसतन तापमान 25 डिग्री के ऊपर था वही इस बार औसत तापमान 30 डिग्री से नीचे रहा है 5 सालों के अंदर अधिकतम तापमान 45 डिग्री के होने के आसपास ही घूम रहा है। 

        14 अप्रैल को हुए बारिश से किसानों के फसलों‌ गेहूं एवं सब्जी जैसे फसलों की क्षति के पड़ताल के लिए नवादा एक्सप्रेस प्रतिनिधि सब्जियों का खान कहे जाने बाले नगर के बगल में फरहा गाव में पहूंचे । तो गाँव के उनिश अंसारी ने‌ बताया कि गेहूं फसलों के साथ साथ सैकड़ों एकड़ में लगे खीरा ,ककड़ी , कद्दु, , करैला एवं नोनियां आदि फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। 

इस संबंध में फरहा निवासी सुरेश प्रसाद एवं सुनिल महतो ने उपरोक्त बातों की जानकारी देते हुए बताया कि इस वेमौसम बारिश ने‌‌ सैकड़ों एकड़ में लगे सब्जियों को काफी नुकसान पहुंचा है।

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