ज्ञानचंद मेहता
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मलिकार्जुन खड्गे
मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस का अध्यक्ष हैं। मतलब यह कि हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थान में मचाए गए भगदड़ में संसद में कांग्रेस ने दावा किया है कि वहां हजारों लोग मरे हैं। ध्यान दीजिए, हजारों लोग मरे हैं। सिर्फ हजार कहे होते तो दस सौ से एकाध सौ ऊपर या नीचे। लेकिन, कांग्रेस की चुनौती है हजारों यानी मृतकों की संख्या एक लाख से नीचे 98 – 99 हजार भी हो सकती है या 3–4 हजार से ऊपर भी हो सकती है !
कांग्रेस पार्टी दम तोड़ती पार्टी है। अपने बचने के लिए भारत विरोधी हथकंडे देश में या देश से बाहर लगातार उपयोग करती दिखती है।
करोना – काल में कांग्रेस और समाज वादियों ने यूपी में योगी सरकार के विरुद्ध गंगा में तैरती शवों को चित्र प्रकाशित करवा कर अपनी अधमता और मानवता से गिरे होने का कोई अवसर नहीं छोड़ा था। ओर, न तो कभी छोड़ने से चूकता है।
यह कांग्रेस है। सामूहिक संहार करवाने का चैंपियन! आपातकाल में कितने जुल्म और संहार हुए, किसी ने नहीं पूछा! 1980 के मुरादाबाद के ईदगाह में पुलिस ने अंधा धुंध गोलियां चलाई थी हमारे कितने नमाजी भाई मारे गए थे, किसी ने गिनती नहीं किया। दो दिन बाद 15 अगस्त’ 80 का समारोह था। मालूम पड़ा केवल 80 लोग मरे थे। हालांकि बाद में किसी जांच एजेंसी ने बताया था, मात्र 2500 (25 सौ) हलाक हुए थे, हजारों में नहीं।
लेकिन, पोस्टर – फोटो के साथ संसद में घुस जाने वाले कांग्रेस के तेवरवाज नेता जो हरदम तैस में दिखते हैं, बाईं नासिका से गरमा- गरम वायु जल्दी – जल्दी लेते दिखते हैं, बाहों से ऊपर गंजी चढ़ाए पहलवान से दिखने वाले ,इस बार खड़गे के समर्थन में सरकार द्वारा घोषित मृतकों की संख्या 30 से दो – चार की भी अधिक मृतकों के चित्र पेश करने में सफल नहीं हो सके ? क्यों ?
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कांग्रेस की विश्वसनीयता जितनी तेजी से घटेगी , उनकी अकर्मण्यता बढ़ेगी, भारत उतना ही उन्नत और उत्कृष्ट होगा। आजादी के बाद, अंग्रेजों ने कांग्रेस नाम का कुछ परजीवी , जोंक, चमोकन, उड़ीस(खटमल) चिल्लर आदि भारत पर छोड़ दिए थे । ये परजीवी सीधा खून पीकर जीवित रहते थे। भारत परजीवी मुक्त होने लगा। मोदी जी के नेतृत्व में देश में एक स्वदेशी सरकार है! हमें ऐसा विचार कर धैर्य का पालन करना चाहिए।