शोषित समाज दल द्वारा २० सूत्री मागो को लेकर राज्यपाल के समक्ष धरना -सुरेश प्रसाद आजाद

नवादा एमएलसी द्वारा विधान परिषद सत्र के दौरान तरांकित   प्रश्न में नवादा अस्पताल में आपातकालीन वार्ड बनाने की मांग गुंजा ….

 सुरेश प्रसाद आजाद  राजद के जिला वैशय प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सह पैक्स अध्यक्ष  राजीव कुमार बॉबी ने बताया कि एमएलसी श्री Ashok Yadav  ने सदन में शुन्य काल के…

 मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव    

   बेफिक्र कमलनाथ, दिग्विजय और जीतू पटवारी                                    (पवन वर्मा-विनायक फीचर्स) प्रस्तुती – सुरेश प्रसाद आजाद देश के पूर्वी हिस्से से पश्चिम तक निकल रही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की न्याय यात्रा मध्य प्रदेश में ऐतिहासिक हो, इसे लेकर कांग्रेस के नेता पूरी ताकत के साथ जुटे हुए हैं। राहुल गांधी की यात्रा के जरिए सभी नेताओं के साथ ही संगठन ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों से फिलहाल दूरी बनाए रखी है। अब सवाल यह उठ रहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह सहित अन्य नेता लोकसभा चुनाव को लेकर इतने बेफिक्र क्यों हैं ? इन नेताओं की लोकसभा चुनाव को लेकर इतनी बेरूखी है कि चुनाव सिर पर होने के बाद भी कांग्रेस के सभी नेता  राहुल गांधी की यात्रा की तैयारियों में ज्यादा व्यस्त है। मध्य प्रदेश में राहुल गांधी की यात्रा तीन मार्च को आने की संभावना है और सात मार्च तक राहुल गांधी यहां के आठ लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेंगे। प्रदेश के 29 लोकसभा क्षेत्रों में से अभी भाजपा के 28 सांसद हैं, जबकि एक मात्र सीट छिंदवाड़ा पर कांग्रेस का कब्जा है।  *भाजपा का गढ़ और दिग्विजय का प्रभाव*  राहुल गांधी मध्य प्रदेश में मुरैना जिले से प्रवेश करेंगे। यह सीट भाजपा के खाते में हैं, यहां से नरेंद्र सिंह तोमर सांसद थे, वे केंद्र में मंत्री भी रहे, लेकिन भाजपा ने उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ाया और अब वे मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हैं। यह सीट लंबे अरसे से भाजपा के खाते में रही है। यह सीट पिछले 27 सालों से भाजपा के कब्जे में हैं। यानी राहुल गांधी जिस लोकसभा क्षेत्र से मध्य प्रदेश में प्रवेश करेंगे वह भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। इसी तरह ग्वालियर में माधवराव सिंधिया के बाद से कांग्रेस लोकसभा चुनाव में संघर्ष ही करती रही है। यह सीट भी पिछले तीन चुनाव से कांग्रेस लगातार हार रही है। राहुल गांधी की यात्रा ग्वालियर के बाद गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र से होकर गुजरेगी। इस सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया अब तक लोकसभा का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े हैं। अब यह सीट भी कांग्रेस के पास नहीं बची है। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का सबसे मजबूत आधार  मानी जाने वाली राजगढ़ लोकसभा सीट आती है। राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में दिग्विजय सिंह का खासा प्रभाव माना जाता है। लेकिन यहां पर भी दो चुनाव कांग्रेस लगातार हार चुकी है। यहां पर वर्ष 2009 में कांग्रेस जीती थी, इसके बाद से यह सीट भी कांग्रेस के हाथ से निकल गई। इसी क्षेत्र से आगे बढ़ते हुए राहुल गांधी की यात्रा देवास-शाजापुर लोकसभा क्षेत्र, फिर उज्जैन, धार, झाबुआ लोकसभा क्षेत्र से गुजरेगी। इन सभी लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा के सांसद हैं।  *फिर भी लोकसभा चुनाव की तैयारियों से दूर कांग्रेस*  भाजपा के मजबूत गढ़ में बदल रहे मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस, भाजपा से लगातार पिछड़ती जा रही है। भाजपा में जहां युद्ध स्तर पर चुनाव की तैयारी की जा रही है। केंद्र से लेकर प्रदेश और मंडल स्तर के नेता और पदाधिकारी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। वहीं कांग्रेस इन दिनों  अपने नेता राहुल गांधी की यात्रा को लेकर बैठक कर रही है। जब लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने का वक्त प्रदेश में होगा, उस वक्त पूरी कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार राहुल गांधी की यात्रा में शामिल रहेंगे। प्रदेश भर के कार्यकर्ता और नेता यहां पर आएंगे। करीब सात दिन तक कांग्रेस चंद लोकसभा क्षेत्रों में सिमट जाएंगी।

नवादा रेलवे स्टेशन भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा …….

विश्व लोकप्रिय प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत कई योजनाओं का शिलान्यास वर्चुअल के माध्यम से किया गया । इस संबंध में बताया…

नवादा रेलवे स्टेशन को भी अमृत भारत योजना के अंतर्गत योजनाओं के शिलान्यास के लिए सभी तैयारियां पूरी  ….

देशभर में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत कई योजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा । इस योजना में नवादा को भी शामिल किया…

जांत-पांत और ऊंच नीच के विरोधी थे संत रविदास

इंजी. अतिवीर जैन पराग – विनायक फीचर्स प्रस्तुत – सुरेश प्रसाद आजाद आज जबकि हमारे देश के कई नेता देश में जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं और नागरिकों को जातियों में बांटकर आपस में लडवाकर उनके वोटो  के सहारे सत्ता पाना चाहते हैं। ऐसे में संत रविदास जी की का महत्व और बढ़ जाता है। जो जात-पांत और ऊंच-नीच के घोर विरोधी थे। रविदास ने अपने साहित्यिक पदों के माध्यम से सामाजिक एकता पर ज़ोर दिया और मानवतावादी मूल्यों की नींव रखी। आपने कहा कि व्यक्ति अपने कर्म से नीच होता है ना की जन्म से। संत रविदास जी कहते थे- जाति-जाति में जाति है, जो केतन के पात। रैदास मनुष न जुड़ सके, जब तक जाति न जात। अर्थात् समाज में जातियां केले के पेड़ के तने के समान है जिसको जितना ही छीलो पेड़ खत्म हो जाता है और कुछ नहीं मिलता। इसी प्रकार समाज में जाति-जाति करने से कुछ नहीं मिलेगा इंसान खत्म हो जाएगा। रविदास जी ने कहा – जनमजात मत पूछिए ,का जात अरु पात। रैदास पुत सब प्रभु के , कोए नहिं जात कुजात। किसी की जाति नहीं पूछनी चाहिए क्योंकि संसार में कोई जाति पाँति नहीं है। सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान है। और कोई भी जाति बुरी जाति नहीं है। रविदास जी ने कहा मनुष्य किसी भी जाति में जन्म लेने से नीच या छोटा नहीं हो जाता। मनुष्य अपने कर्मों से पहचाना जाता है। और जो नीच कर्म करता है वही नीच होता है। रविदास जन्म के कारने,होत न कोई नीच। नर कुं नीच करि डारि है, ओछ कर्म की कीच। रविदास सभी प्रकार के भेदभाव को निरर्थक बताते थे और सभी को प्रेम पूर्वक मिलजुल कर रहने का उपदेश देते थे। आपका मानना था कि राम, कृष्ण, करीम ,राघव सब एक ही परमेश्वर के अलग-अलग नाम है। वेद, कुरान, पुराण, सभी में एक ही परमेश्वर का जिक्र हैं। कृष्ण, करीम, राम, हरी, राघव, जब लग एक न पेखा।  वेद, कतेब, कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा। रविदास कहते थे भक्ति में ही शक्ति है। और जो मनुष्य दिन और रात राम का नाम जपता है।  राम के समान हो जाता है। और उसमें कोई भी क्रोध और काम भावना नहीं रहती। रैदास कहे जाके हदे, रहे रैन दिन राम। सो भगता भगभंत सम , क्रोध न व्यापे काम। आपका कहना था कि अभिमान को त्याग कर काम करने वाला व्यक्ति जीवन में सफल हो सकता है। जैसे विशालकाय हाथी शक्कर के दानों को नहीं चुन सकता। जबकि एक लघु पीपलीका यानी चींटी शक्कर के दानों को आराम से चुन लेती है। इसी प्रकार अभिमान और बड़प्पन का भाव त्याग कर विनम्रता पूर्वक आचरण करने वाला मनुष्य ही ईश्वर का भक्त हो सकता है। रैदास तेरी भक्ति दूरी है, भाग बड़े सो पावे। तजि अभिमान मेटी आपा पर, पीपीलक  हवे चुनी खावे।    एक बार एक पर्व पर उनके पड़ोस के लोग गंगा-स्नान के लिए जा रहे थे। रविदास के शिष्य ने भी उनसे गंगा-स्नान चलने के लिए कहा। रैदास ने कहा कि मैंने पहले से ही अपने ग्राहक को जूता देने का वादा कर रखा है। और अब मेरी वहीं प्राथमिक जिम्मेदारी है। अगर मैं गंगा- स्नान पर चला भी गया तो मेरा मन तो इस काम में लगा रहेगा। फिर मुझे पुण्य कैसे मिलेगा? मनुष्य को वही काम करना चाहिए जो उसका अंत:करण करने को तैयार हो। मन सही है तो मेरे कठौती के जल में ही गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त हो जाएगा। अर्थात मन चंगा तो कठौती में गंगा (कठौती यानी एक बर्तन जिसमें चमड़े को भिगोया जाता है।)  15वीं शताब्दी में जब देश में जात-पात, ऊंच-नीच और धार्मिक भेदभाव अपने चरम पर था ,संत रविदास का जन्म हुआ। रविदास जी को कबीर ने संत रविदास कहा। इन्हें संत शिरोमणि, सतगुरु की उपाधि दी गई। रविदास जी एक महान संत, दर्शन शास्त्री, समाज सुधारक और ईश्वर के उपासक थे। आपके 40 पदों को पांचवें सिख धर्म गुरु अर्जनदेव ने सिखों के पवित्र धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया था। रविदास जी ने जात-पात का, ऊंच नीच, छुआछूत, भेदभाव का विरोध किया और मानव को आत्मज्ञान ग्रहण कर आत्मकल्याण का मार्ग बताया। आपकी कविताओं में अवधी राजस्थानी खड़ी बोली उर्दू फारसी के शब्दों का मिश्रण है। रविदास जी का जन्म सन 1377 में सीरगोवर्धन गांव में वाराणसी जिले के अंतर्गत हुआ। आपके जन्म के बारे में कई मतभेद है कुछ लोग इनका जन्म 1399 में मानते हैं तो कुछ 1414  में। पर आपका सामाजिक कार्यकाल 1450 से 1520 के बीच रहा। आपकी मृत्यु भी आपके जन्म की तरह विवादित है। और 1528 से 1540 के बीच बताई जाती है। और आयु 120 साल से 150 वर्ष के करीब बतायी जाती है। आपकी माता का नाम कलसा देवी था। और पिता का नाम संतोषदास रघु था। आपके पिता पेशे से चर्मकार थे और जूते चप्पल बनाने का काम करते थे। आपकी शादी लोनादेवी से हुई। आपका एक पुत्र विजयदास और पुत्री रविदासिनी हुई। बताया जाता है कि आपका जन्म का दिन रविवार था। इसलिए इनका नाम रविदास रखा गया।   संत रविदास काशी के स्वामी रामानंदाचार्य के शिष्य थे। संत कबीर उनके समकालीन गुरु भाई थे। आपके शिष्यों में कृष्णभक्त मीराबाई , चित्तौड़ के राणा सांगा की पत्नी झाला रानी, सिकंदर लोदी, राजा पीपा, राजा नागरमल, आदि अन्य कई शासक राजा थे। चित्तौड़ के किले में भी संत रविदास की छतरी बनी हुई है। वाराणसी में गुरु रविदास स्मारक और पार्क बना हुआ है। वही पर गुरु रविदास घाट हैं। रविदास ने कहा ईश्वर ने इंसान बनाया है। ना कि इंसान ने ईश्वर को बनाया है। और जब ईश्वर ने इंसान बनाया है और सभी इंसान एक समान बनाए हैं। तो सभी का इस पृथ्वी पर समान अधिकार है। संत रविदास जयंती के इस शुभ अवसर पर हम सब सकंल्प ले की समाज से  जात-पात का भेदभाव मिटाएंगे ऊँच-नीच को दूर करेंगे गरीबी को मिटाएगे एक दूसरे का सम्मान करेंगे यही रविदास जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगीं। (विनायक फीचर्स)

     भाजपा द्वारा अवैध रूप से  चंदा वसूली के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन ..

-सुरेश प्रसाद आजाद    बिहार प्रदेश कांग्रेस के निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय नवादा के भी०आई०पी० कॉलोनी द्वारा भाजपा इलेक्ट्रोल बंड फंडिंग के द्वारा अवैध चंदा वसूली के विरोध में प्रदर्शन…

  वर्ष 2024 का होने वाले आम लोकसभा चुनाव की तारीख 11अप्रैल से 19 मई तक कुल सात चरणों में होगे ।

– सुरेश प्रसाद आजाद मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि वर्ष 2024 में होने वाले आम लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे ।जो 11 अप्रैल 2024 से शुरू…

ग्लोबल यूनिवर्सिटी अ़ॉफ वोस्टन के द्वारा शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में अच्छे कार्यों के लिए डॉक्टरेट की डिग्री से सम्मानित किए गए रंजीत एवं पंकज कुमार ….

  बहुत ही गर्व की बात है कि श्री रंजीत कुमार  & श्री पंकज कुमार वर्मा  अब क्रमशः “डॉ रंजीत कुमार & डॉक्टर पंकज कुमार वर्मा” जी के नाम से जाने…

अब पूरा देश अपनाएगा बिहार का यह मॉडल 

बिहार प्रदेश जदयू  राजनैतिक सलाहकार समिति के सदस्य श्रीअवधेश  कुशवाहा ने “ नवादा एक्सप्रेस “ को बताया कि देश के लोकप्रिय बिहार मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा मौसम पूर्वानुमान  जो…