कविता स्वतंत्रता दिवस(प्रो.चित्रभूषण श्रीवास्तव-विनायक फीचर्स)

प्रस्तुती – सुरेश प्रसाद आजाद

पुण्य पंद्रह अगस्त है स्वतंत्रता दिवस
देश का भावमय ऐतिहासिक दिवस
जिसे लाने को सदियों सही लोगों ने, यातनाएँ कई औ’ परेशानियाँ ॥1॥

गोलियाँ खायीं, गये जेल, फाँसी चढ़े
पर रहे प्राणपण से निरन्तर अड़े।
छोड़ सुख-प्यार घर-बार, परिवार का, हँस के वीरों ने दी अपनी कुर्बानियाँ ॥ 2 ॥

तजे स्कूल, व्यवसाय, अनशन किये
मरमिटे देश की आबरू के लिये।
देशभक्तों ने सब कुछ सहा बेफिकर, कभी स्वीकार की न मेहरबानियाँ ॥ 3 ॥

नौजवानों का अब भारी दायित्व है
मान ऊँचा रखे, प्रमुख अस्तित्व है।
देश की अपने रक्खे सुरक्षा सतत, जिससे हों न कहीं कोई नादानियाँ ॥4॥

युद्धा बुरा है, समझदारी रख के सदा,
रखें माँ की प्रतिष्ठा, निभा कायदा।
मिली पुरखों से मन की धरोहर ये जो, इसकी करनी है सबको निगहबानियाँ ॥ 5 ॥(विनायक फीचर्स) 

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