इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए विकास आयुक्त ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य 0(जीरो) से 6 वर्ष के बच्चों के लिए एक मजबूत नींव तैयार करना है। यह अभियान सीडीपीओ, प्रर्यवेक्षिका, आंगनवाड़ी सेविका एवं समुदाय के लोगों द्वारा मिलकर चलाया जाएगा । बच्चे के समग्र विकास के अंतर्गत शारीरिक विकास एवं वृद्धि स्वास्थ्य एवं पोषण, सामाजिक, मानसिक, संज्ञानात्मक,माणीय संख्यात्मक विकास में सुधार के लिए हर आवश्यक कदम उठाया जाएगा । उन्होंने कहा कि इस अभियान को नहीं चलाने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।
इस कार्यक्रम में पंचायती राज संस्थाओं एवं स्वयं सहायता समूह, स्वयंसेवकों, धार्मिक नेताओं एवं समुदाय के सहयोग आंगनबाड़ी केंद्र सेवाओं को मजबूत किया जायेगा । उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केनदों में अपर्याप्त सेवा एवं सुविधा 0 से 6 वर्ष के बच्चों में समग्र विकास एवं वृद्धि को वाधित कर रहा है । इसीलिए खुशहाल बचपन अभियान की आवश्यकता है ।
राजेश कुमार पिरामल के द्वारा बताया गया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित शून्य से 6 वर्ष के बच्चों में बाल्यावस्था , देखभाल, शिक्षा में सुधार, स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाना आवश्यक है । इसके लिए पिरामल के माध्यम से एक सौ आंगनवाड़ी केंद्रों का चयन किया गया है। जिसमें पकरीबरामां 40 काशीचक और हिसुआ में 20-20 केंद्रों का चयन किया गया है ।
उन्होंने बताया कि नवजात बच्चों के बेहतर मानसिक शारीरिक और भावनात्मक विकास जीरो से 6 वर्ष की आयु तक बच्चों में मस्तिष्क का 90 प्रतिशत हो जाता है ।



