औषधीय गुणों से भरपूर आम 

(सुदर्शन भाटिया – विनायक फीचर्स) प्रस्तुती – सुरेश प्रसाद आजाद

यहां आज हम आम के औषधीय गुणों को ध्यान में रखकर इससे होने वाले सरल उपचारों की बात करेंगे।

– यदि शरीर में रक्त की कमी हो तथा व्यक्ति काफी कमजोरी महसूस कर रहा हो तो यह उपाय करें। धारोष्ण दूध की धार लें या पी लें, मगर इससे पहले आम चूसें। कुछ ही दिनों का उपाय पुष्ट बना देगा।

– यदि शुगर है तो भी जामुन और आम का रस, बराबर मात्रा में लें मिलाकर पी लें. कुछ ही दिनों में लाभ होगा।

– आम की गुठली का रस नाक में टपकाएं। इससे नकसीर में तेजी से फायदा होगा।

– यदि सूखी खांसी से परेशान हैं तो पके आम को गर्म राख में दबाएं। भुन जाने पर निकालें। ठंडा करके चूसें।

– आम के पत्तों की राख लें। इसमें पानी की बूंदे अथवा घी डालकर पेस्ट बनाएं। शरीर के जले अंग पर लेप करें।

– पथरी होने पर आम के ताजा पत्तों को छाया में सुखाएं। बारीक पीसें। इस चूर्ण का एक चम्मच बासी पानी से सेवन करें। आराम आने तक लें।

 – पेचिश में भी पथरी वाला उपचार कारगर रहता है।

भीषण गर्मी में लू लग जाना आम बात है। ऐसे में कच्चे आमों का पना बनाकर मरीज को थोड़ा-थोड़ा पिलाएं।

– दांत कमजोर हों, दातों से रक्त निकलता हो, ऐसे में आम के कच्चे पत्ते चबाएं तथा दांत मांजे।

– यदि आप वायु रोग से पीडि़त हैं तो मीठे आम के रस में शहद मिलाकर पी लें। मात्रा रस दस चम्मच, शहद दो चम्मच।

– यदि आप दस्तों से परेशान हों तो भी आम से उपचार सम्भव है। आम की गुठली को पानी में अच्छी प्रकार पीसें। इस लेप का नाभि पर गाढ़ा लेप दस्तों को शांत कर देगा।

– यदि बवासीर की शिकायत हो तो यह उपचार करें- आम का मीठा रस (मात्रा आधा कप), मीठा दही (25 ग्राम मात्रा), अदरक का रस (मात्रा एक चम्मच), सबको मिलाकर पी लें। जब तक आराम नहीं आता आप इस उपाय को करें।

– आमों को चूसने या खाने से दो घण्टे पहले इन्हें पानी में डुबोकर रख दें। फिर चूसें। पित्त अधिक हो तो सीमित ही, आम चूसें। वैसे भी आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सक की सलाह लें। (विनायक फीचर्स)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *