अभय कुमार रंजन
वारिसलीगंज,(नवादा) 15 अप्रैल 2025

वारिसलीगंज प्रखंड के विभिन्न सरकारी-गैरसरकारी कार्यालय तथा संस्थानों में बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर का जन्म दिवस समारोह आयोजित कर मनाया गया।उपस्थित लोगों ने उनके तैलीय चित्र पर माल्यार्पण करते हुए पुष्प चढ़ाकर उनके बताए मार्गो पर चलने का संकल्प लिया।वारिसलीगंज पुलिस अंचल कार्यालय में सर्किल इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में जन्म दिवस के अवसर में डॉ भीमराव अम्बेडकर को याद कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।इस दौरान पुलिस इंस्पेक्टर श्री कुमार ने कहा कि भीमराव आंबेडकर की विरासत आज भी देशभर में प्रेरणा का स्रोत है।उन्होंने सामाजिक न्याय,शिक्षा और समानता के क्षेत्र में जो क्रांति शुरू की,वह हमेशा प्रासंगिक रहेगी।उनके विचार और योगदान वंचितों के सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित हुए।मौके पर उपस्थित वारिसलीगंज थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर रूपेश कुमार सिन्हा ने कहा कि भारत में जब-जब संविधान और लोकतंत्र की बात होगी,बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर का नाम तब-तब प्रमुखता से लिया जाएगा,यही वजह है कि 14 अप्रैल 1891 का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख के रूप में दर्ज है।उन्होंने कहा कि इस दिन देशभर में जन्म दिवस के रूप में भीमराव आंबेडकर को याद कर शारदा श्रद्धासुमन अर्पित किया जाता है।वहीं नप की मुख्य पार्षद रेखा देवी ने कहा कि इस दिन भारत के संविधान निर्माता,समाज सुधारक और दलितों के मसीहा कहे जाने वाले आंबेडकर का जन्म हुआ था,डॉ. भीमराव अंबेडकर ऐसा ही एक नाम हैं,जिनका जीवन भारत में समानता,स्वतंत्रता और बंधुत्व की भावना को समर्पित था।उनके सम्मान और याद में 14 अप्रैल को पूरे देश में अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है।यह केवल एक व्यक्ति की जयंती नहीं,बल्कि एक आंदोलन की याद है।वहीं शिक्षाविद डॉ गोविंद जी तिवारी ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर को ‘भारतीय संविधान का निर्माता’ कहा जाता है,क्योंकि वह भारतीय संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष थे।महान समाज सुधारक अंबेडकर ने दलितों के अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष किया।उन्होंने ‘शिक्षित बनो,संगठित रहो,संघर्ष करो’ का नारा दिया।उनका आज हमलोग जन्मदिवस बहुत धूमधाम से मनाते हैं।और उनकी अमूल्य सेवा को सम्मानित करने के लिए यह जन्म दिवस मनाया जाता है।मौके पर उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि डॉ भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू एमपी में हुआ था।वह महार जाति से थे,जिसे उस समय अछूत माना जाता था। अपने जीवन के शुरुआती दिनों में ही आंबेडकर ने जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता का सामना किया,लेकिन उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल ने उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया।मौके पर एसआई बशिष्ठ प्रसाद,सुरेन्द्र यादव,मुखिया राजकुमार सिंह,विधायक प्रतिनिधि शैलेंद्र सिंह,अजीत यादव,सकल यादव,पप्पु चौधरी,सुरेन्द्र कुमार यादव,भोला सिंह,मेहता पेट्रोल पंप के संचालक अरुणजय मेहता,हीरा रविदास तथा बुद्धिजीवी,शिक्षाविद सहित स्थानीय पत्रकार मौजूद थे।