- सुरेश प्रसाद आजाद
- सम्राट अशोक महान हैं , भारत देश की शान हैं ।
- चक्र – शेर निशान है , तभी तो भारत देश महान है ।
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भारतीय लोक चेतना पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर कीर्तन प्रसाद कुशवाहा ने स्थानीय केसव कपूर मेमोरियल अस्पताल नवादा में जिला कुशवाहा सेवा समिति के सक्रिय सदस्य डॉक्टर वसंत प्रसाद , जिला कुशवाहा सेवा समिति के जन्मदाता व संरक्षक श्री रामकिशुन महतो (सेवा निवृत शिक्षक ) एवं उपस्थित सदस्यों के बीच 4 फरवरी 2024 को सम्राट अशोक की प्रतिमा कार्यक्रम में भाग लेने का आह्वान किया ।
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इस संबंध में उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि भारतीय लोक चेतना पार्टी के तत्वाधान में बिहार के प्राचीन गरिमा- गौरव की पूर्नस्थापना के लिए कुम्हरार पटना में अधिक से अधिक लोगों को भाग लेने का आह्वान किया ।
इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि 2 अक्टूबर 2023 को लोक चेतन पार्टी के तत्वाधान में बिहार के प्राचीन गरिमा गौरव की पूर्ण स्थापना हेतु कुम्हरार पटना से बिहारव्यापी शोषित मैत्री- यात्रा प्रारंभ किया गया था । उक्त यात्रा का समापन 4 फरवरी 2024 को जगदेव जयंती के अवसर पर कुम्हरार पार्क पटना में मौर्य दरबार एवं सम्राट अशोक की स्थापना के साथ ही यात्रा का समापन किया जाएगा ।
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मौर्य दरबार एवं सम्राट अशोक की प्रतिमा स्थापना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पटना के लोहानीपुर, बहादुरपुर संदलपुर , बुलंदीबाग कुम्हरार एवं अन्य स्थलों की खुदाई में मौर्यकालीन किला तथा कुम्हरार में 80 स्तंभों वाला सम्राट अशोक का राजदरबार प्राप्त हुआ । जिसे 2005 में भारत सरकार द्वारा इसे मिट्टी से ढकवा दिया गया । बिहार एवं देश के इस गौरव -गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए कुम्हरार में मौर्य राज दरबार एवं अशोक की प्रतिमा को स्थापित करना आवश्यक है ।
सम्राट अशोक के कार्यकल्पों का जानकारी देते हुए कहा कि प्राचीन काल नालंदा विश्वविद्यालय विश्व का पहला आवासीय विद्यालय था जहां 20000(बीस हजार ) छात्र पढ़ाई करते थे और 20000 छात्र को पढ़ाने के लिए 2000(दो हजार) शिक्षक हुआ करते थे सभी विषयों की पढ़ाई की यहां सर्वोत्तम व्यवस्था थी । नालंदा विश्वविद्यालय के कारण ही प्राचीन काल में भारत को विश्व गुरु माना जाता था । आज वह खंडहर के रूप में तब्दील हो गया है ।
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राजदंड ( सेंगोल ) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा की हाल ही नये लोकसभा उद्घघाटन के समय राजदंड के स्थान पर (सेंगोल) स्थापित किया गया । राजतंत्र के प्रतीक राजदंड ( सेंगोल ) को हटाकर अशोक स्तंभ स्थापित करने की मांग की गयी ।