सुरेश प्रसाद आजाद

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश के आलोक में विद्वान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, नवादा आशुतोष कुमार झा के मार्गदर्शन में कुमारी सरोज कीर्ति, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, नवादा के सहयोग से आज दिनांक 13.07.2024 को 10ः00 बजे पूर्वाह्न से व्यवहार न्यायालय, नवादा परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया एवं पक्षकारों को सुलह के आधार पर वादों का निष्पादन किया गया।
इस मौके पर विद्वान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, नवादा, आशुतोष कुमार झा, जिला दण्डाधिकारी सह उपाध्यक्ष, आशुतोष कुमार वर्मा, पुलिस अधीक्षक सह सदस्य जिला विधिक सेवा प्राधिकार, नवादा अम्बरीष राहुल, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, नवादा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष उपेन्द्र कुमार, उप विकास आयुक्त, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, नवादा कुमारी सरोज कीर्ति, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गण एवं न्या0 दण्डा0 प्र0 श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी तथा पैनल अधिवक्ता, पारा विधिक स्वयं सेवक एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार, नवादा के समस्त कर्मचारीगण के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया गया।

इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विद्वान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि लोक अदालत से कोई भी पक्षकार निरास होकर नहीं लौटे। इस बात को ध्यान में रखते हुए उपस्थित लोगों से अपील किया।

सचिव महोदया ने बताया कि लोक अदालत न्यायालय के बोझ को कम करने का सरल तरीका है। इस लोक अदालत में उभयपक्षों की जीत होती है। सुलहनीय योग्य न्यायालय आधारित कुल 274 मामले का निष्पादन किया गया तथा प्री लिटिगेशन के 746 बैंक के मामले का निष्पादन किया गया। दूर संचार के 05 मामले का निष्पादन किया गया तथा मोटर दुर्घटना के 26 वादों का निष्पादन किया गया। श्रम वाद के 05 मामले का निष्पादन किया तथा वैवाहिक मामले के 01 वादों का निष्पादन किया गया। इस प्रकार व्यवहार न्यायालय में कुल 306 मामले का निष्पादन किया गया। इसमें बैंक द्वारा कुल 12885534/-रु0 समझौता राशि ऋणियों से वसूली की गयी।