रामनवमी के शोभा यात्रा नवादा में रहा ऐतिहासिक,आकर्षक और बड़े  उत्साहवर्द्धक।

०शोभा यात्रा में लाखों का जन सैलाव उमड़ पड़ा,जिला 

   प्रशासन पूर्ण चुस्त व दुरुस्त दिखा।

० नवादा नगर में दर्जनों स्वयं सेवी संस्थओं ने 

   शर्बत,ठंढा जल और खीर व विस्कुट की व्यवस्था कई 

      जगहों पर की।

 दिनेश कुमार अकेला

नवादा ,08 अप्रैल 2025 । 

वैसे तो देश के महान आदर्श,मर्यादायुक्त पुरुषोत्तम श्री राम जी का जन्मोत्सव आज सम्पूर्ण भारत में बड़ी धूमधाम से मनाये जाने की खबरों का ताँता लगा हुआ है। देश के विभिन्न राज्यों,राज्य के सभी जिलों व जिले के सभी प्रखण्डों और प्रखंड के तमाम गांवों में बड़ी श्रद्धा,दिल की उदगार व स्नेहपूर्वक रामनवमी की शोभा यात्रा में स्वतः अपनी भागेदारी को दिलेरी से सुनिश्चित कर इतिहास की एक नए अध्याय का शुभारम्भ की।

       नवादा नगर में सबसे प्रथमतः साहेब कोठी नवादा से रामनवमी का शोभा यात्रा की शंखनाद हुई। इसमें दुर्गा वाहिनी के करीब 600 जुझारू महिलाओं ने अपनी भागेदारी सुनिश्चित करने में पूर्णतः सफल रही। इसके बाद नवादा नगर के सुप्रसिद्ध मन्दिरों में खासकर अगिया बैताल मन्दिर, चक्रवर्ती समार्ट इंदिरा चौक मंदिर ,लाइनपार मिर्जापुर,3 नम्वर बस स्टैंड दुर्गा मंदिर,गायत्री मंदिर न्यू एरिया,पुरानी बाजार,शोभ मंदिर आदि जगहों से रामनवमी का शानदार आकर्षक झांकी के साथ शोभा यात्रा निकाला गया। सबों ने जय श्री राम जैसे गगनभेदी नारों के साथ पार नवादा,अंसारनगर व चर्चित सद्भावना चौक तक जाकर पुनः वापस हो गए। जय श्री राम के उद्घोष से पुरे नवादा नगर आज दिन भर गुंजायमान बना रहा। पुलिस , जिला प्रशासन और आम नागरिक सदा सतर्क व चौकना रहे।

     रामनवमी की ऐतिहासिक पवित्र त्यौहार के शोभा यात्रा के सुअवसर पर शामिल शोभा यात्रियों के लिए नवादा जिला के कुछेकएक जन प्रतिनिधियो, सक्रिय जन सेवकों व सामाजिक स्वयं सेवियों ने सेवा की भावना से अपना- अपना कैम्प तथा शिविर का आयोजन कर तथासंभव ईमानदार प्रयास में कोई भी कोताही नहीं बरता। वहाँ सेवाभाव व आत्म सम्मान की भावना से सभी मौजूद थे। सबों के आशा पर पानी फिर गया। नवादा के अल्पसंख्यकों ने आपसी सद्भाव ,एकजुटता और समरसता का अमित प्रमाण अपने व्यवहार से सिद्ध करके दिखला दिया। सब्र की बांध तोड़कर मददी भूमिका में डटे दिखाई पड़े।

        पुल पार नवादा में मुखयतः 4 कैम्प व शिविर लगा हुआ था। पहला मॉडर्न शैक्षणिक समूह के डॉयरेक्टर एक प्रखर शिक्षाविद्, सजग व प्रबुद्ध कर्मठ समाज सेवी अनुज सिंह के जन जागृति फाउंडेशन की ओर से जहाँ शर्बत व पानी की गई ,वहीँ गोबिंदपुर विधान सभा के विधायक मो.कामरान ने भी ठंढा पेयजल व शर्बत की उत्तम व्यवस्था की और नवादा विधान सभा के विधायिका विभा देवी ने तो 5 किवंटल दूध की खीर,शर्बत और 25 हजार बोतल ठंढा पेयजल की बोतल की व्यवस्था कर एक अचंभित उदाहरण पेश कर   दिखला दिया।  नवादा के सुविख्यात  विधायिका विभा देवी ने श्री राज कृष्णा एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा संचालित शिविर का उद्धाटन किया। अपने हाथों से शोभा यात्रा में शामिल लोगों को खीर का वितरण शुरू कर दिया। एक तरफ नवादा राजद  विधायक विभा देवी खीर वितरण कर रही थी तो दूसरी ओर गोबिंदपुर राजद के   विधायक मो. कामरान बगल में ठंढा पेयजल बाँट रहे थे। बिहार विधान सभा के तमाम संभावित भावी उम्मीदवार  ने सक्रियतापूर्वक उक्त रामनवमी शोभा यात्रा में सहयोगी भूमिका निभाने के लिए अग्रिम कतार में मुस्तैदी से खड़ा दिखाई पड़े। कुछ गैर राजनीतिक दल के लोग भी कभी अपनी जड़ जमाये आस्था व  भक्ति में वसीभूत होकर कुछ-कुछ लोगों को सकारात्मक काम करना उनके अस्तित्व की रक्षा की दृष्टिकोम से तो अहम् लाजमी ही हो जाया करती है।

       रामनवमी के शोभा यात्रा में आज लाखों लोग नवादा नगर में  शरीक होकर अपनी चट्टानी सनातनी  एकजुटता को दिन की रौशनी सा झलका दिया। सबसे बड़ी ताजुब की बात यह रही कि नवादा नगर में गंगा- यमुनी एकता का असली नमूना तथा प्रतिविम्ब परिलक्षित प्रत्यक्ष हो रहा था। नवादा जिले के अल्पसंख्यकों ने रामनवमी के अनोखे शोभा यात्रा में दिल की गहराई से सक्रियतापूर्वक शामिल होकर अपनी एकजुटता व आपसी सहयोगात्मक रवैये का खुलेआम इजहार कर सबल व अटूट परिचय का बेमिशाल प्रमाण प्रस्तुत किया। उन्होंने एक ऐसा अद्भुत सबूत पेश कर यह साबित हम तमाम देश के अल्पसंख्यक ने यह साफ संदेश दे दिया है कि यहाँ के अल्पसंख्यक कोई भी दंगा-फसाद या गैर जरूरी विवाद या टकराव नहीं चाहते ,बल्कि आपसी प्रेम व भाईचारे तथा एक दूसरे के प्रति सहयोगी भूमिका में सदैव खड़े रहने की उम्मीद व कामना करते हैं। रामनवमी शोभा यात्रा में शामिल अपवादस्वरूप कुछ सिरफिरे लोग धार्मिक नारों के जगह पर राजनीतिक नारे लगा में मशगूल दिखाई पड़े। राजतिलक की करो तैयारी -आ रहा है भगवाधारी,देश में गर रहना है तो जय श्री राम और बन्दे मातरम् कहना ही होगा।  लेकिन,इसके बावजूद भी चोट खाये  अल्पसंख्यकों ने अपने छाती पर पत्थर रखकर दिनभर सहयोगी भूमिका में सेवा में सदैव तत्पर दिखाई पड़े। यह एक शुभ लक्षण का  प्रमाणिक ताजा उदाहरण है। 

      आज के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने यह साफ साबित कर दिया है कि यहाँ हिन्दू और मुस्लिम में कोई आपसी विवाद नहीं है ,  बल्कि यहाँ वोट के लुटेरों व ठगों ने अपने स्वार्थ सिद्धि के उदेश्य से  ऐसे सांप्रदायिक जन विरोधी मुद्दों को सह व तरजीह देते आ रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *