-सुरेश प्रसाद आजाद
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नशामुक्ति दिवस 2023 के शुभ अवसर पर श्री नीतीश कुमार माननीय मुख्यमंत्री बिहार के द्वारा संवाद भवन , देश रत्न मार्ग , पटना में शराबबंदी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जीविका दीदी कौशल्या देवी को मध्य निषेध पदक, स्मार्ट वॉच आदि देकर सम्मानित किये । कौशल्या देवी ने नशामुक्ति शराबबंदी के क्षेत्र में अपने महुली पंचायत के गौसनगर में 2014 से ही शराबबंदी के लिए प्रयासरत थी। उन्होंने जीविका दीदीयों के सहयोग से अपने गांव क्षेत्र में शराबबंदी कार्यक्रम को सफल बनायीं ।
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नवादा जिला के सदर प्रखंड अंतर्गत माहुली पंचायत के गौसनगर गांव में अवैध शराब बनाने तथा बेचने का धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा था, जिसके कारण अधिकतर घरों में अशांति, मारपीट एवं आमदनी का आधा से ज्यादा पैसा शराब में जा रहा था । भोजन बच्चों की पढ़ाई आदि आवश्यक कार्य में काफी दिक्तों का सामना करना पड़ रहा था । गांव की महिलाएं इससे काफी परेशान थी । उन्हीं में से एक दीदी है जिनका नाम कौशल्या देवी, जो शंकर जीविका स्वयं सहायता समूह एवं दुर्गा जीविका महिला ग्राम संगठन की सदस्य हैं। इनके परिवार में पति के अलावा पांच बेटा तथा एक बेटी है । उनके पति अवधेश पासवान राजमिस्त्री का काम कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं । दीदी के पति को शराब पीने की बहुत बुरी लत लगी हुई थी । कौशल्या दीदी के द्वारा बताया गया कि मेरे पति प्रतिदिन ₹400 कमाते थे और जिसमें से ₹200 का शराब पी जाया करते थे । घर आने के बाद नशे की हालत में कौशल्या दीदी से मार -पीट, झगड़ा तथा उन्हें घर से निकालने की धमकी देते थे । इस स्थिति के कारण घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा था ।
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दुर्गा ग्राम संगठन की बैठक में शराब के कारण हो रही परेशानियों की आपबीती कौशल्या दीदी के द्वारा रखी गई तथा सभी दीदीयों ने गांव में शराब बंदी को लेकर एक जागरूकता रैली निकालने का निर्णय लिया। बैठक के चार दिन बाद गांव में जागरूकता रैली निकाली गई जिसके उपरांत कई घरों में उनके पतियों द्वारा पिटाई, गाली- गलौज एवं अवैध शराब भट्टी के मालिकों द्वारा दीदियों के शराब बंदी का मजाक उड़ाया गया कि “दस रूपईया वाली जनानी सब चले हे , शराब बंद कराने एवं” दसे रुपया में मौगी लोग पगला गईले हे” ।
पुन: दो दिनों बाद सभी दीदियों ने बैठक की और निर्णय लिया कि हमलोग डीएम, नवादा के जनता दरबार में इसकी जानकारी देंगे तथा अपने गांव में अवैध शराब की भठ्ठियों को बंद करने की गुहार करेंगे। निर्णय के अनुसार दीदियां ने आवेदन के साथ जिलाधिकारी से मिलने गई तथा अपनी सारी समस्या जिलाधिकारी को बताई । जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा आश्वस्त किया गया कि हम आपकी सहायता अविलंब करेंगे । चार दिन बाद दीदी के द्वारा फोन करने पर जिलाधिकारी द्वारा थाना से पुलिस भेजा गया । पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर दीदियों ने नदी के किनारे तथा गांव में चल रहे सारे भठ्ठियों को तोड़ दिया। परन्तु 2-3 दिनों के बाद पुन: चार लोगों के द्वारा शराब बनाने के लिए फिर से महुआ डाला गया, जिसकी सूचना मिलते ही ग्राम संगठन की दीदियों द्वारा लाठी और झाड़ू के साथ फिर से सारे बर्तनों को तोड़ दिया गया तथा शराब बनाने वाले लोगों की भी पिटाई की गई। जिसके बाद गांव के वरिष्ठ लोगों एवं पंचायत प्रतिनिधि तथा ग्राम संगठन की दीदियों वे यह एकरारनामा किया कि “अगर कोई गांव में शराब बनाता है तो उसे ₹5000 जुर्माना देना होगा , जो ग्राम पंचायत में जामा होगा तथा अगर कोई शराब पीकर हल्ला करता है तो उसे झाड़ू से महिलाओं की मार खानी पड़ेगी” । इसके बाद इस गांव के लोगों ने शराब बनाना, वेचना बंद कर दिया ।
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कौशल्या दीदी कहती है कि अब मेरे पति शराब का सेवन नहीं करते हैं । मैं अब अपने बच्चों को पढ़ा रही हूं । पहले मेरा मिट्टी का मकान था जिसे पक्का में तब्दील कर ली हूं । अब शराबबंदी के सफल आयोजन से हमारा परिवार और गांव के नागरिकों को जीवन स्तर पहले से काफी बेहतर हुआ है । इसके लिए मुख्यमंत्री जी को तहे दिल से धन्यवाद दी ।