भूकंप आने पर क्या करें, क्या ना करें की दी गयी जानकारी

सुरेश प्रसाद आजाद

जिला पदाधिकारी, नवादा श्री आशुतोष कुमार वर्मा द्वारा के निदेश के आलोक में आज डीआरडीए सभागार में भूकम्प आपदा से संबंधित जिला स्तर पर मॉक अभ्यास के संबंध में अधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में एनडीआरएफ के टीम के द्वारा भूकम्प आपदा से संबंधित उपस्थित पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान टीम द्वारा निर्धारित गतिविधियों की जानकारी देते हुए इसकी आवश्यकता को परिलक्षित किया गया। क्या करें तथा क्या ना करें के बारे में जानकारी दी गयी, जो निम्नवत है:

भूकंप आने से पहले क्या करें

    छत तथा नींव के पलास्तर में पड़ी दरारों की मरम्मत कराएं। यदि कोई संरचनात्मक कमी का संकेत हो तो विशेषज्ञ की सलाह लें। सीलिंग में ऊपरी (ओवरहेड) लाइटिंग फिक्सचर्स (झूमर आदि) को सही तरह से टांगें। भवन निर्माण मानकों हेतु पक्के इलाके में प्रासंगिक बीआईएस संहिताओं का पालन करें। सांकल/चिटकनी वाली लकड़ी की निचली बंद कैबिनेटों में भंगुर (ब्रेकेबल) मदें जैसे बोतलबंद खाद्य सामग्री, गिलास तथा चीनी मिट्टी के बर्तन को रखें। भारी चीजों जैसे तस्वीर तथा शीशे आदि को, बिस्तर, सेटीज (सोफा, बेंच या कोच) तथा जहां भी लोग बैठते हैं, से दूर रखें। फैन फिक्चर्स तथा ओवरहेड लाइट को नट-बोल्ट की मदद से अच्छी तरह फिट कराए।ं खराब या दोषपूर्ण बिजली की तारों तथा लीक करने वाले गैस कनेक्शनों की मरम्मत कराएं जिनसे आग लगने के जोखिम की संभावना होती है। पानी गर्म करने का हीटर, एलपीजी सिलेंडर आदि को दीवार के साथ अच्छी तरह कसवाएं बंधवाएं अथवा फर्श पर बोल्ट कसवा के उन्हें सुरक्षित बनाएं। कीटनाशक तथा ज्वलनशील पदार्थों को सांकल वाले कैबिनेटों में तथा नीचे के शेल्फों में सावधानी से रखें। घर के अंदर तथा बाहर सुरक्षित स्थानों को तलाश कर रखें। मजबूत खाने की मेज, बिस्तर के नीचे। किसी भीतरी दीवार के साथ। उस जगह से दूर जाना जहां खिड़की, शीषे, तस्वीरों से कांच गिरकर टूट सकता हो अथवा जहां किताबों के भारी शेल्फ अथवा भारी फर्नीचर नीचे गिर सकता हो। खुले क्षेत्र में बिल्डिंग, पेड़ों, टेलीफोन, बिजली की लाइनों, फ्लाईओवरों तथा पुलों से दूर रहें। आपातकालीन टेलीफोन नंबरों को याद रखें (जैसे डाक्टरों, अस्पतालों, तथा पुलिस आदि के टेलीफोन नंबर)। स्वयं तथा परिवार के सदस्यों को भूकंप के बारे में जानकारी दें। आपदा आपातकालीन किट को तैयार रखें। अतिरिक्त बैटरियों सहित बैटरी चालित टॉर्च, बैटरी चालित रेडियो, प्राथमिक सहायता थैला (किट) तथा मैनुअल, आपातकालीन खाद्य सामग्री (ड्राई आइटम्स) तथा पीने का पानी (पैक्ड तथा सीलबंद), एक वाटरप्रूफ कंटेनर में मोमबत्तियों तथा माचिसें, चाकू, क्लोरीन की गोलियां तथा पाउडर-युक्त वाटर प्यूरिफायर, केन ओपनर, अनिवार्य दवाइयां, नकदी तथा क्रेडिट कार्ड, मोटी रस्सी तथा डोरियां, मजबूत जूते, एक आपातकालीन संप्रेशण योजना तैयार आदि रखना अत्यन्त आवश्यक है।

 यदि किसी स्थिति में परिवार के सदस्य एक-दूसरे से भूकंप के दौरान अलग हो जाएं (दिन के दौरान होने वाली एक वास्तविक संभावना जब घर के वयस्क सदस्य काम पर गए हों और बच्चे स्कूल में हो), आपदा के बाद वापस इकट्ठा होने के लिए एक योजना तैयार रखें। राज्य से बाहर रहने वाले अपने रिष्तेदार अथवा दोस्त को आपदा के बाद “पारिवारिक सूत्र” (फैमिली कांटेक्ट) के रूप में उपलब्ध होने के लिए कहें, अक्सर दूर स्थित व्यक्ति से बात करना आसान होता है। सुनिश्चित करें कि परिवार का हर व्यक्ति संपर्क सूत्र (कांटेक्ट पर्सन) का नाम, पता तथा फोन नंबर जानता हो। अपने समुदाय को तैयार रहने में मदद करें।

घर में खतरों को पता लगाने के लिए साप्ताहिक अवधि वाली श्रृंखलाओं का संचालन करें। विकलांग व्यक्तियों (मूक-बधिर, दृष्टिहीन, अपंग आदि) के लिए विशेष रिपोर्ट को तैयार करने हेतु स्थानीय आपातकालीन सेवाओं तथा अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ इस पर बात काम करना कि भूकंप के दौरान उनके लिए क्या किया जाए। अपने समुदाय में अपनी जानकारी को भवन निर्माण संहिताओं पुनर्निर्माण/पुनःमरम्मत (रेट्रोफिटिंग) कार्यक्रमों, खतरे के बारे में पता लगाने, आस-पड़ोस तथा परिवार के लिए आपातकालीन योजनाओं को बनाने में प्रयोग करने के लिए मिल-जुलकर काम करने आदि पर विषेष ध्यान दें।

भूकंप के दौरान क्या करें

       भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। इस बात के प्रति सतर्क रहें कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिश्चित हो जाएं कि बाहर निकलना सुरक्षित है।

  • यदि आप घर के अंदर हों:-

     आप यदि घर के अंदर हों तो जमीन पर झुक जाए, किसी मजबूत मेज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें अथवा तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं। किसी आंतरिक दरवाजे के लिन्टॅल (लेंटर), किसी कमरे के कोने में, किसी मेज अथवा यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रुककर अपने आपको बचाएं। शीशे, खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें अथवा ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर), से दूर रहें। भूकंप के शुरू होने पर, यदि आप उस समय पलंग पर हांे तो पलंग पर ही रहें। अपने सिर पर किसी तकिए को ढककर बचाएं जब तक कि आप किसी भारी लाइट फिक्सचर जो गिर सकती हो, के नीचे न आएं। यदि ऐसी स्थिति हो तो पास के किसी सुरक्षित स्थान की ओर खिसक जाएं।

       शरण लेने के लिए तभी ऐसे किसी दरवाजे से निकलकर बाहर जाएं जब वह आपके निकट हो और आप जानते हों कि ये किसी सषक्त सहारे (सपोर्ट) वाला है या यह सशक्त और वजन को झेल सकने वाला दरवाजा है। जब तक भूकंप के झटके न रुके तथा बाहर जाना सुरक्षित न हो तब तक अंदर रुके रहंे। अनुसंधान से यह पता चला है कि ज्यादातर चोटें तब लगती है जब भवन के अंदर मौजूद लोग किसी दूसरी जगह अथवा बाहर जाने का प्रयास करते हैं। ध्यान रखें कि बिजली कभी भी जा सकती है अथवा स्प्रिंकलर सिस्टम अथवा चेतावनी वाले फायर अलार्म कभी भी चालू हो सकते हैं।

*यदि आप घर के बाहर हों*

       यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें। तथापि बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें। यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांष दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं।

यदि किसी चलते वाहन में हों

ढकें। किसी पाइप अथवा दीवार को थपथपाएं ताकि बचाने वाले आपको ढूंढ सकें। यदि उपलब्ध हो तो सीटी का उपयोग करें। अगर और कोई उपाय न हो तो तेजी से चिल्लाएं। चिल्लाने से आपके मुंह में सांस के द्वारा खतरनाक धूल अंदर जा स      

जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें तथा गाड़ी में रुके रहें। बिल्डिंग, पेड़ों, ओवरपास, बिजलीध्टेलीफोन आदि की तारों के पास अथवा नीचे रुकने से बचें। सावधानी से भूकंप के रुकने के बाद आगे बढ़ें अथवा सड़कों, पुलों, रैम्प से बचें जो भूकंप द्वारा क्षतिग्रस्त हुए हो सकते हैं।

*यदि मलबे के नीचे फंसे हों*

माचिस की तीली को न जलाएं। धूल न उड़ाएं अथवा हिले-डुले नहीं। अपने मुंह को किसी रुमाल अथवा कपड़े से कती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *