ब्राह्मणवादी पद्धति का परित्याग कर मानववादी अर्जक पद्धति अपनाया।

0 पंडित,पुरोहित न नाई और फिर भी बज गई शादी की शहनाई ।

नवादा से डी‌ के अकेला‌ की‌ रिपोर्ट 

नवादा,14 मार्च 2025 ।

 नवादा जिले के हिसुआ प्रखंड सह थाना अंतर्गत कहरिया गांव के एक शादी में पूर्व से स्थापित ब्राह्मणवादी संस्कृति व पद्धति का सिरे से परित्याग करके मानववादी अर्जक पद्धति को सहर्ष अपनाया। अर्जक पद्धति से पंडित, पुरोहित व नाई के बिना ही शादी सम्पन्न करायी गयी। हिसुआ प्रखंड के कहरिया गांव में मणिका कुमारी की शादी गया जिले के फतेहपुर के छोटकी सलैया गांव में भगीरथ मांझी के बड़े बेटे संगम के साथ धूमधाम से शादी सम्पन्न हुई। लड़की के पिता मुकेश मांझी के नेतृत्व में तथा मंच के संचालन सकलदेव मांझी के देखरेख में शादी सम्पन्न हुई।

उक्त शादी समारोह में अर्जक संघ के पूर्व सांस्कृतिक समिति के राष्ट्रिय अध्यक्ष उपेन्द्र पथिक ने कहा कि अर्जक पद्धति से शादी कर समाज में बुनियादी बदलाव लाने का  अथक काम किया है। अर्जक पद्धति व विधि के दौरान शादी करने में न तो कोई मंत्रोचारण किया जाता है और न ही कोई पूजा-पाठ होती है। इसमें काफी कम खर्च में शादी सम्पन्न हो जाती है। इस प्रकार की अर्जक पद्धति के अनुसार शादी में न तो कोई पंडित व पुरोहित और नहीं तो नाई की जरूरत है। बहुत कम खर्च में बिना पूजा-पाठ और बिना कोई मंत्र पढ़े ही शादी हो जाती है। इस चर्चित शादी में कई प्रबुद्ध लोग शामिल हुए।

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