दिनेश कुमार अकेला
नवादा,16 अप्रैल 17 अप्रैल 2025 ।

जिले के आंती गांव में बिहार दलित विकास समिति,रुकनपुरा पटना के सौजन्य से तथा नव चेतना विकास केंद्र, नवादा की ओर से बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की 135 वीं ऐतिहासिक जयंती पर एक भव्य आकर्षक व उत्साहवर्द्धक समारोह बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। इसकी अध्यक्षता पीयूसीएल के बिहार राज्य कार्यकारणी के वरिष्ट सदस्य,बिहार दलित विकास समिति के निदेशक व प्रखर सुलझे-प्रतिष्टित समाज सेवी फादर जोश व कार्यक्रम का संचालन औरनव चेतना विकास केंद्र, नवादा के संस्थापक व मशहूर कर्मठ दलित समाज सेवी नारायण पासवान ने दिलेरी से सफलतापूर्वज किया। हम सबके शुक्रगुजार हैं।
मंचासीन प्रमुख लोगों में अध्यक्षता व संचालक करने वाले फादर जोश व नारायण पासवान के अलावे आंती ग्राम पंचायत के मुखिया व स्थापित समाज सेवी जितेंद्र सिंह,पूर्व व वर्तमान सरपंच तनिक सिंह व सुनील सिंह, जदयू के वरिष्ट जाने माने मशहूर नेता मनोहर पासवान,सेवानिवृत शिक्षक,व शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अयोध्या पासवान,पाण्डेय गंगौट डिग्री कॉलेज के प्रोफसर सह लोजपा के वरिष्ट नेता विशुनदेव पासवान,सुभाषचन्द्र बोस ब्रिग्रेड के चर्चित युवा जुझारू नेता मनीष कुमार आदि उपस्थित थे।

बाबा साहेव की जंयन्ती समारोह की शुरुआत कार्यक्रम के प्रधान अतिथि सह बिहार दलित विकास समिति के निदेशक फादर जोश के हाथों झंडोतोलन एवं बाबा साहेब की मूर्ति पर माल्यार्पण हुआ। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित तमाम लोगों ने उत्साहपूर्वक श्रद्धा सुमन हृदयतल से बाबा साहेब की मूर्ति पर अर्पित किया। बाबा साहेब अमर रहें और जय भीम के गगनभेदी नारों से पुरे कार्यक्रम स्थल के हर इर्दगिर्द चौतरफा गुजांयमान बन गया।
मौके पर आयोजित जनसभा को सम्बोधित करने वालों का ताँता लग गया। आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फादर जोश ने अपने अध्यक्षीय भाषण में साफ कहा कि बाबा की जयंती मनाने की दिखावटी सिर्फ औपचारिकता निभा देने से बाबा साहेब का सही सपना कभी भी साकार नहीं होगा। न तो कोई सार्थक प्रमाणिक औचित्य रहेगा। बाबा साहेब के सपने को साकार करने का आज मूल मकसद उनके बहुमूल्य विचारों,सिद्धांतो,कार्यक्रमों को जमीं पर व्यवहारिक अमली जामा पहनना ही वर्तमान परिस्थिति तथा जनता की जोरदार मांग बनकर उभर चूका है। देश और समाज की मौजूदा दशा,दिशा और व्यवस्था परिवर्तन के लिए बेहतर शिक्षा, संगठन व संघर्ष के साथ ही दृढ विश्वास पर ही पूर्णतः निर्भर है। अगर अंबेडकर के सपने को वास्तव में सर जमीं पर दिल व सही तरीके से उतारना चाहते हैं ,तो यहाँ पर उपस्थित सभी लोगों कोअहम मुख्य
चुनौती के रूप में यह स्वीकार कर पहले दृढ संकल्प लें कि आंती गांव में किसी भी समाज के हरेक तबकों ,जातियों व सम्प्रदायों के अनपढ़ बच्चों को सरकारी व नीजि स्कूलों में भेजकर शिक्षित करना प्राथमिकता रहेगा। अपने नैतिक व सामाजिक विशेष कार्यभार के रूप में स्वीकार कर हम सभी एकजुट हैं।

जनसभा को सम्बोधित करते हुए मनोहर पासवान बाबा साहेब के जिंदगी,विचार व महान कृत्रित्व पर विशेषकर विस्तार से प्रकाश डाला। उनके जीवन सम्बंधित जन हितौषी अनेक अनमोल गाथाओं व विचित्र संस्मरणों को याद बखूबी दिलाया। उनके आदर्शों और बताये रास्ते पर चलकर ही सफल व सवतंत्र जिंदगी का असली हकदार हैं। बाबा साहेब सिर्फ दलितों के थे यह कहना बेहद नासमझी,वेईमानी या नादानी है। वो सबके थे। इसका ज्वलन्त जीता जागता प्रत्यक्ष उदहारण है कि बाबा साहेब द्वारा प्रदत्त अमूल्य अनमोल संविधान नहीं होता तो आज सामान्य जातियों के आर्थिक रूप से 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ उठाने के हकदार व असली उत्तराधिकारी कदापि नही होते।
मौके पर अयोनित महत्ती जनसभा को सम्बोधित करने वाले वक्ताओं में अयोध्या पासवान, विशुनदेव पासवान, वारसलिगंज के प्रखंड प्रमुख नरेश राम,आंती ग्राम पंचायत के मुखिया जितेंद्र सिंह, सरपंच सुनील सिंह,पूर्व सरपंच तनिक सिंह,मनीष कुमार समेत सभी वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में साफ कहा कि बाबा साहेब के बताये तीन मूलमंत्र शिक्षा,संगठन व संघर्ष को बिना आत्मसात किये ब्राह्मणवादी व मनुवादी जैसी कुरीतियों व कुकृतियों से छुटकारा पाना बिल्कुल असंभव व मात्र कोरी बकवास है। दीनदयाल कुशवाहा ने तो खुलेआम कहा कि पहले देश के राजा के रानी की पेट से जन्मा हुआ बेटा ही राजा बनता था। लेकिन,बाबा साहेब ने संविधान की रचना कर देश की सभी तथा कथित महारानी का मानो नसबंदी ही सदा के किए कर दी है।

कुछ वक्ताओं ने साफ कहा कि आज समाज में कुछेज लोग बाबा साहेब की जयंती समारोह मनाने की सिर्फ दिखावटी औपचारिकता तथा नौटँकी कर रहे हैं। कुछ शातिर लोग जो उनके विचारों के घोर विरोधी थे वो भी आज अम्बेदकर जयंती की रश्म अदा कर वोट की राजनीतिक का नाजायज लाभ उठाने की फ़िराक में किंकर्तव्यविमूढ़ जन विरोधी मानसिकता के लोग आज दलितों ,शोषितों और उपेक्षितों को भ्रमित करने की घृणित की चक्कर में रातदिन सलंग्न व सक्रिय है। समानता,स्वतंत्रता,विश्व बन्धुत्व की अनमोल,अद्भुत और अद्वितीय उपहार से देश-समाज को नवाजा है। बाबा साहेब के सद विचार,संदेश एवं ऐतिहासिक कृत्रित्व सदा यादगार, अमिट अमूल्य योगदान प्रेरणास्रोत हम सबों के लिए सदैव बने रहेंगे।