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-सुरेश प्रसाद आजाद
जिलाधिकारी श्री आशुतोष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में आज आईसीडीएस से संचालित विभिन्न योजनाओं की मासिक समीक्षात्मक बैठक हुई।
बैठक में उन्होंने कहा कि पोषाहार की राशि का सदुपयोग करना सुनिश्चित करें। केंद्रों से किसी प्रकार की शिकायतें ना हो। लापरवाही और अनियमितता की शिकायतें मिलने पर सुपरवाइजर और सीडीपीओ पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी । इस संबंध में उन्होंने डीपीओं को स्पष्ट कहा की राशि का दुरुपयोग ना हो और बच्चे जो देश के भविष्य हैं उनके पोषाहार की किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हो। जिले के कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दें । विभाग के सभी कार्यक्रमों का पारदर्शिता के साथ वांछित लाभुकों को सुलभ कारायें ।
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जिला पदाधिकारी ने डीपीओ आईसीडीएस से संचालित विभिन्न योजनाओं के संबंध में फीडबैक प्राप्त किया । डीपीओ ने बताया कि जिले में कुल 2335 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है । कुल आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या जिले में 2663 है । जिले में 38 सुपरवाइजर कार्यरत हैं जबकि कुल सीटों की संख्या 75 है।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि सभी सुपरवाइजर और सीडीपीओ विभाग द्वारा निर्धारित प्रत्येक माह में 25 आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण करना सुनिश्चित करें और जांच प्रतिवेदन दें । उन्होंने सुपरवाइजर के नियोजन से संबंधित समीक्षा की और डीपीओ को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिया । प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना में दो बच्चे तक डीबीडी के माध्यम से लाभुक के खाते में 5000 की राशि दी जाती है । मुख्यमंत्री कल्याण उत्थान योजना के तहत 2 बच्चियों के जन्म में ₹2000 की राशि उनके लाभुकों के खाते में दी जाती है । नए आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 107 जगहों पर भूमि चिन्हित किया गया है ।
जिलाधिकारी ने डब्लूबीएनपी , टीएचआर आदि पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित करने के लिए कई आवश्यक निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के पोषक क्षेत्र में अति कुपोषित वच्चों को चिन्हित करें और सरकार के द्वारा दी गई योजनाओं से लाभान्वित करना सुनिश्चित करें । बच्चों का ग्रोथ चार्ट शत-प्रतिशत करने का निर्देश दिया गया । महिलाओं में रक्तहीनता एनीमिया के रोगियों को आयरन और पालिक एसिड स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया ।
बीएचएसएमडी के बारे में सीडीपीओ और डीपीओ से पूछा गया लेकिन किसी ने जानकारी नहीं दी। आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन साढे सात बजे से 11:30 बजे पूर्वाह्न में किया जाता है । 1 वर्ष में 300 दिनों तक आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन होता है। संचालित योजनाओं का सोशल ऑडिट भी कराने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि प्रखंडों के बरीय पदाधिकारी भी अपने-अपने प्रखंड क्षेत्र के संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का भी जांच करेंगे ।
उक्त बैठक में मोहम्मद जफर हसन डीसीएलआर रजौली, श्रीमती अनुपम सिंह जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ,श्री सत्येंद्र प्रसाद डीपीआरओ एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।