नवादा से डी के अकेला की रिपोर्ट
० पीड़ितों को न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या कर लेने
पर उतारू।
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नवादा ,24 फ़रवरी
बहुचर्चित जिले के नारदीगंज प्रखंड के पड़रिया गांव की दर्दनाक व शर्मनाक घटना बेहद हृदयविदारक है। इस अमानवीय घटना की जितनी भी निंदा की जाय, वो बहुत ही कम होगा। इस कुकृत ने रोंगटे खड़ाकर सम्पूर्ण मानवता को मानो झकझोर कर तार-तार कर दिया है। वैसे तो,आदि काल से लेकर आज तक महिलाओं पर जघन्य जोर-जुल्म और अमानुषिक दुर्व्यवहार की अंतहीन घटनाओं का धारावाहिक सिलसिला बेरोकटोक जारी है। यह कैसी विडम्बना है कि एक तरफ सीता,सावित्री,गायत्री, दुर्गा, काली,सरस्वती,वैष्णों देवी आदि की श्रद्धा के साथ पूजन किया जा रहा है और दूसरी ओर मां-बहनों के साथ क्रूर सामूहिक बलात्कार एवं जनसंहार से लेकर अपहरण की घटनाओं को लगातार हृदयहीनता से निर्ममतापूर्वक बेझिझक सरेआम अंजाम देने में प्रतियोगिता जारी है। ताजुब तो इस बात की है कि अब वर्तमान दौर में सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वाले नेता,जनप्रतिनिधि तथा चंद सिक्कों के टुकड़े पर दुम हिलाने व बिकने वाली पुलिस तथा प्रशासन आज पूर्णतःनिष्क्रिय होकर मौनी बाबा बन जाया करते हैं। सिर्फ अपने हित व स्वार्थ साधन के अलावे समाज की वेदना,उत्पीड़न एवं कराह से किसी को कोई सरोकार,मतलब या लेना-देना ही नहीं रह गया है।
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पड़रिया गांव में पिछले शुक्रवार 21 फ़रवरी को पुलिस-प्रशासन संरक्षित गुंडों के द्वारा एक निरीह व गरीब ब्राह्मण यानी सुदामा के घर में 12 बजे मध्य रात्रि में सुनील यादव, पिंटू यादव,सुशील यादव समेत एक दर्जन अपराधी हरवे-हथियार से लैश होकर सुनियोजित तरीके से हमला बोल दिया। गेट तोड़कर जबरन घर में घुस कर पहले सभी 4 मोवाइल और पेटी तोड़कर कुल 20 हजार रूपये को जप्त कर निर्दयता से बुरी तरह पिटाई करने लगा। किसी का सर फोड़ दिया तो किसी का हाथ तोड़ दिया।यहाँ तक कि निर्लज्जता की सीमा को लांघकर महिला के गुप्तांक में डंडा घुसेड़ दिया। सभी पीड़ित परिवार चीखते-चिलाते रह गया पर शातिर गुंडों के डर से कोई बचाने या मदद देने नहीं आया।
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अन्ततोगत्वा पीड़ित परिवार न्याय की आस में नारदीगंज थाना पुलिस की चौकठ पर गिड़गिड़ाते भीख माँगा। लेकिन वहाँ भी न्याय मिलने के बदले मात्र ठोकर ही ठोकर मिलता रहा। उक्त थाना के स्टाफ मुकेश ने कहा कि सुनील यादव पर एक दर्जन से ज्यादा मुकदमा पूर्व से चल रहा है। एक केस और हो जायगा तो फिर उसका क्या बगड़ेगा। जेल से बाहर आने के बाद सभी परिवार को काट देगा। आपका भलाई इसी में है की आप जमीन व घर उसको दे दो हम समझौता कराकर 4-5 लाख रूपये दिलवा दूंगा। वहाँ से निराश होकर केस करने के लिए कोर्ट जा रहे थे तो रास्ते में छेक लिया और जान से मार देने की धमकी देकर लौट दिया। अंत में ईलाज करने सदर अस्पताल नवादा आये जहाँ अभी ईलाज चल रहा है। पीड़ितों में दो पुरुस और तीन महिलाएं क्रमशः कुंदन पाण्डेय,मोनू पाण्डेय,ललिता देवी,पूनम कुमारी व ललिता कुमारी हैं।
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पड़रिया कांड अब जोर से तूल पकड़ने लगा है। इस वीभत्स घटना की तीव्र विरोध चौतरफा हो रहा है। पीयूसीएल से लेकर सामान्य जन जाति,ब्राह्मण समाज,पटना की संस्था महिला पुरुष कल्याण मंच के अलावे अनेक समाज सेवी,स्वयं सेवी संगठन और राजनीतक दल इस क्रूर अमानवीय सुनियोजित घटना की तीब्र निंदा की है। पीड़ित कुंदन पांडेय ने कहा कि यदि उचित न्याय सभी पीड़ितों को नहीं मिला तो हम लोग सामूहिक आत्महत्या अथवा आत्मदाह कर लेंगे। पीयूसीएल ने भी खुलेआम एलान कर दिया है कि पीड़ितों को जबतक सम्मानजनक न्याय नहीं मिलता है ,तबतक पीयूसीएल भी अनवरत संघर्ष जारी रखने का संकल्प ले रखा है। चाहे इसके लिए जो भी परेशानी उठाना या कुर्बानी देना पड़ेगा ,वह सहर्ष तैयार व तत्पर रहेगा।