जो अपनों का मान बढ़ाए, वही जग में मान पाए, चाँद अधुरा रह गया ,………… -प्रियंका सौरभ 

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 जो अपनों का मान बढ़ाए, वही जग में मान पाए

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 जो अपनों का मान बढ़ाए,
वही जग में मान पाए।

-प्रियंका सौरभ 

संघर्षों में डटे रहो तुम,
हाथ अपनों का थाम लो,
गैरों के आगे क्यों झुकना,
सम्मान अपना जान लो।

(2)
🌿 जीवन की राह कठिन सही,
पर हिम्मत को मत छोड़ो,

जो अपने सच्चे साथ खड़े,
उनसे नाता मत तोड़ो।

(3)
🌪️ आंधी आए, तूफां आए,
डरकर  पीछे ना हटो,
जब अपने संग खड़े रहें,
तो तुम भी साहस से डटो।

(4)
🏡 अपनों की छाँव सुकून दे,
जहाँ स्नेह का बसेरा हो,
दुनिया के छल से बच जाना,
बस प्यार भरा सवेरा हो।

(5)
💖 सम्मान वही जो घर में मिले,
जो अपनों का मान बढ़ाए,
गैरों के आगे सिर न झुके,
परिवार का साथ निभाए।

🎵 चलो संग-संग, कदम बढ़ाएँ,
मुश्किलों से ना घबराएँ,
जो अपनों का मान बढ़ाए,
वही जग में मान पाए! 🎶✨

-प्रियंका सौरभ 

चाँद अधूरा रह गया, बँट गया संसार॥

ईद हमारा पर्व है, करवा तेरा प्यार।

चाँद मगर अनजान है, किसका है अधिकार॥

बँट गया आकाश यूँ, बँट गए अरमान।

चाँद रहा फिर सोचता, किसका मैं मेहमान॥

करवा देखे प्रीत को, ईद मांगती प्यार।

चाँद अधूरा रह गया, बँट गया संसार॥

ईद के चँदे ने कही, करवा से यह बात,

एक आकाश में बसे, क्यों बँटे दिन-रात॥

करवा कहता धैर्य रख, ईद कहे त्यौहार।

चाँद मगर है मूक सा, किसको दे उपहार॥

ईद मुबारक कह दिया, करवा पर उपवास।

दोनों के अरमान पर, सौरभ चाँद उदास॥

एक ओर थी प्रीत प्रिय, एक ओर त्यौहार।

नभ का चंदा मौन था, किसका करे विचार॥

ईद का चँदा हँस पड़ा, करवा देखे राह।

बोला चंदा सोचकर, कैसे करूँ निबाह?

करवा बोली चाँद से, मुझको दे आशीष।

ईद हँसी चुपचाप फिर, दूर करें सब टीस॥

-प्रियंका सौरभ

प्रियंका सौरभ 

रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,

कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,

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