स्वास्थ्य

 *न्यून रक्तचाप का घरेलू इलाज* 

(सुदर्शन भाटिया – विभूति फीचर्स) प्रस्तुती- सुरेश प्रसाद आजाद

लक्षण

– न्यून रक्तचाप के कारण कमजोरी, सुस्ती, सरदर्द, रहना आम बात है।

– कामों में मन नहीं लगता

– व्यक्ति दुर्बल होता जाता है।

– भोजन पौष्टिक न खाने पर

– कम प्रोटीन खाने पर

– भोजन में विटामिन बी तथा सी सामान्य से कम होना।

– मूत्राशय, गुर्दे और आंतों का ठीक काम न करना

– चिन्ता, तनाव, निराशा, विफलता झेलना आदि।

बचाव

– अधिक तले भोजन से

– मसालेदार भोजन से

– अधिक गरिष्ठ भोजन से

– कब्ज से बचें। कब्ज होने पर एनीमा या त्रिफला लें।

– रात देर तक न जागें

– प्रात: देर तक नहीं सोये।

क्या करें

– व्यायाम, प्राणायाम जरूरी

– ताजे मौसमी फल खाया करें।

– हरी सब्जियां, सलाद आदि काफी लें।

– नशे, शराब आदि से दूर रहें।

– तनाव नहीं।

उपचार

– इस रोग में छाछ, मठा का एक गिलास सेंधा नमक मिलकर रोज दोपहर को पीना अच्छा रहता है।

– रोगी अपने भोजन में थोड़ी मात्रा में हींग जरूर लें।

– ऐसे रोगी के लिए घी, दूध, छाछ सब ठीक है। जितना पचा सकें उतना अवश्य लें।

– सुबह-शाम पौना-पौना गिलास चुकन्दर का रस पीना चाहिए।

– सामान्य से अधिक नमक सेवन करें।

– नमकीन पानी में नीबू डालकर पीना चाहिए।

– आंवले का रस, संतरा का जूस, नारंगी का जूस, तीनों में से जो उपलब्ध हो प्रतिदिन पिया करें। नमक डाल लें।

– दो तोले जटमासी लेकर एक बड़े गिलास पानी में उबालें। इसको तीन भागों में दिन में पिया करें। पूरा लाभ होगा।

रोग से सम्बन्धित जरूरी बातें:

– जो भी परहेज, आहार, उपचार रोगी को ठीक बैठता लगे, उसे छोड़ें नहीं। तब तक अपनाएं जब तक रोग पूरी तरह ठीक नहीं हो जाए। जो व्यक्ति लाभ होने पर भी उपचार को बीच में छोड़ देते हैं या बदल देते हैं, वे पूर्ण स्वस्थ नहीं हो पाते। रोग बना रहता है। अत: इस ओर पूरा ध्यान दें। आप इस रोग को नियन्त्रण में रखने, या पूरी तरह छुटकारा पाने के लिए अपने चिकित्सक का भी परामर्श लें। (विभूति फीचर्स)

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