डिजिटल क्रांति के स्वर्णिम पथ पर अग्रसर मध्यप्रदेश

      मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार टेक्नोलॉजी और डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत करने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश को वैश्विक टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से “एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025” का शुभारंभ इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में किया गया। 

        इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की तकनीकी प्रगति को नई दिशा देने वाली चार महत्वपूर्ण नीतिगत दिशानिर्देशों का विमोचन किया, ये हैं-

• ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) नीति

• ड्रोन प्रोत्साहन एवं उपयोग नीति

• सेमीकंडक्टर नीति

• एवीजीसी-एक्सआर (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स व एक्सटेंडेड रियलिटी) नीति

      इन नीतियों का लक्ष्य प्रदेश में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी, नवाचार, स्टार्टअप्स और निवेश को प्रोत्साहित करना है, ताकि मध्यप्रदेश राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त डिजिटल और टेक्नोलॉजी गंतव्य के रूप में उभर सके।

एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025 प्रदेश के युवाओं, उद्यमियों, निवेशकों और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा और मध्यप्रदेश को “डिजिटल इंडिया” के सपनों के साथ जोड़ने में एक मील का पत्थर साबित होगा।

     आइये समझते हैं कि डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस सन्दर्भ में किस प्रकार मध्य प्रदेश सरकार ने तकनीकी क्षेत्र में निवेश और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए चार प्रमुख नीतियाँ लागू की हैं।

1. ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) नीति 2025

उद्देश्य- राज्य को वैश्विक नवाचार और सहयोग के केंद्र के रूप में स्थापित करना।

प्रमुख विशेषताएँ:

• 50 से अधिक GCCs को आकर्षित करने और 37,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने का लक्ष्य।

• इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे टियर-2 शहरों को वैश्विक व्यापार हब के रूप में विकसित करना।

• 40% पूंजीगत सब्सिडी (अधिकतम ₹30 करोड़), किराया सहायता, और पेरोल सब्सिडी जैसे प्रोत्साहन।

• R&D, अपस्किलिंग, और पेटेंट फाइलिंग के लिए समर्थन।

• “नो क्वेरी पोर्टल” के माध्यम से सिंगल-विंडो।

2. ड्रोन प्रोत्साहन और उपयोग नीति 2025

उद्देश्य: मध्य प्रदेश को ड्रोन निर्माण और तकनीक का प्रमुख केंद्र बनाना।

प्रमुख विशेषताएँ:

• 40% पूंजीगत निवेश सब्सिडी (अधिकतम ₹30 करोड़)।

• तीन वर्षों के लिए 25% किराया सहायता (अधिकतम ₹5 लाख प्रति वर्ष)।

• चिह्नित क्षेत्रों में R&D अनुदान ₹2 करोड़ तक।

• IISER भोपाल में प्रशिक्षण, निर्माण, और अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना।

• कृषि, आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक सुरक्षा, और बुनियादी ढांचे में ड्रोन तकनीक का उपयोग। 

3. सेमीकंडक्टर नीति 2025

उद्देश्य: राज्य को सेमीकंडक्टर डिजाइन और निर्माण का केंद्र बनाना।

प्रमुख विशेषताएँ:

• 40% पूंजीगत अनुदान (अधिकतम ₹150 करोड़)।

• 5 वर्षों के लिए 6% ब्याज सब्सिडी (अधिकतम ₹10 करोड़)।

• 10 वर्षों के लिए ₹2 प्रति यूनिट की रियायती बिजली दर।

• रियायती दरों पर भूमि उपलब्धता।

• ₹4 अरब से अधिक के परियोजनाओं के लिए कस्टमाइज्ड प्रोत्साहन पैकेज।

4. एवीजीसी-एक्सआर नीति 2025

उद्देश्य: राज्य को एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (AVGC-XR) के क्षेत्र में अग्रणी बनाना।

प्रमुख विशेषताएँ:

• 25% पूंजीगत व्यय सब्सिडी (अधिकतम ₹30 करोड़)।

• तीन वर्षों के लिए 25% किराया सहायता (अधिकतम ₹10 लाख प्रति वर्ष)।

• प्रति कर्मचारी ₹3,000 प्रति माह की रोजगार सृजन सहायता (एक वर्ष के लिए)।

• IP पंजीकरण लागत का 50% सब्सिडी (अधिकतम ₹20 लाख)।

• तीन वर्षों के लिए बैंडविड्थ लागत की प्रतिपूर्ति (अधिकतम ₹50,000 प्रति वर्ष)।

• एआर, वीआर, और एआई जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना।

• अंतर्राष्ट्रीय सह-उत्पादन और साझेदारियों के लिए 30% व्यय की प्रतिपूर्ति (अधिकतम ₹2 करोड़)।

• महिला उद्यमिता और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के लिए विशेष समर्थ

इन नीतियों के माध्यम से, डॉ. मोहन यादव  की  मध्य प्रदेश सरकार तकनीकी नवाचार, निवेश, और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करते हुए डिजिटल क्रांति के स्वर्णिम पथ पर निरंतर आगे बढ़ रही है, जिससे राज्य को एक प्रमुख तकनीकी हब के रूप में स्थापित किया जा सके। (विभूति फीचर्स)(लेखक मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता  हैं।)

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