आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश से पेंसंभोगियों में काफी ख़ुशी -सुरेश प्रसाद आजाद

 आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में कुछ पेंशनभोगियों ने याचिका दायर कर यह मांग की थी कि पेंशन से कम्युटेशन के हिस्से की कटौती तुरंत बंद की जाए। पहले से की गई अतिरिक्त कटौती और वसूले गए ब्याज को वापस किया जाए।

इसका कारण यह था कि पेंशन के कम्युटेशन की राशि और ब्याज को 15 वर्षों तक वसूलने का कोई औचित्य नही है। कोर्ट ने पेंशनभोगियों के पक्ष में फैसला सुनाया और कम्युटेशन की रिकवरी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया।

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

 क्या है पेंशन का कम्युटेशन

कम्यूटेशन को पेंशन बचना भी कहा जाता है, कहीं कहीं पर इसको पेंशन लोन भी कहां जाता है। आपको बता दे कि जब कर्मचारी रिटायर होता है तो वह अपनी पेंशन का 40% हिस्सा कम्युट कर सकता है, बदले में उनको अच्छी-खासी रकम एक साथ मिल जाती है लेकिन हर महीना उनकी पेंशन से रिकवरी होती है और यह रिकवरी पूरे 15 साल तक चलती है।

कायदे से देखा जाए तो जो रिकवरी 11 साल 3 महीने में पूरी हो जाती है लेकिन सरकार 15 साल तक इसकी रिकवरी करती है ऐसे में पेंशनभोगियों को घाटा हो जाता है उसी को लेकर हर जगह से पेंशनभोगी जागरूक हो रहे हैं और इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाए डाल रहे हैं।

सरकार का निर्देश:

कोर्ट के फैसले के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने दिनांक 25.11.2024 के ज्ञापन (Memo No.FIN01-HROMISC/170/2024-HR-III) के आधार पर निर्णय लिया और एक आदेश जारी किया। इस आदेश में निम्नलिखित बाते कही गई।
11 वर्ष 3 महीने पूरे होने के बाद पेंशनभोगियों से कम्युटेशन की कटौती बंद की जाए। अगले आदेश तक यह कटौती न की जाए।

 पेंशनभोगियों की पेंशन से कम्युटेशन की कटौती न करें

जिला कोषागार और लेखा अधिकारी (DT&AOs) एवं CRT के सहायक कोषागार अधिकारी (ATO) ने उप-कोषागार अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे सभी पेंशनभोगियों की पेंशन से कम्युटेशन की कटौती न करें, जिन्होंने 31 अक्टूबर 2024 तक 11 वर्ष 3 महीने पूरे कर लिए हैं।

आदेश का पालन

यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।

पेंशनभोगियों के लिए लाभ

यह निर्णय पेंशनभोगियों के लिए राहत लाएगा, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनकी पेंशन से अतिरिक्त कटौती हो रही थी। वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी, क्योंकि 11 वर्ष 3 महीने के बाद उनकी पेंशन में कोई कटौती नहीं होगी। जिससे उनको पूरी पेंशन मिलेगी।

निष्कर्ष

यह कदम आंध्र प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है। सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए तत्काल निर्णय लिया है। सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आदेश का सही तरीके से और समय पर पालन हो।

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